देवप्रयाग, 23 जुलाई।
देवप्रयाग नगर में इन दिनों एक कटखने बंदर ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। बीते दो दिनों में यह बंदर अब तक दो महिलाओं और एक बच्चे पर हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल कर चुका है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि बंदर सीधा सिर पर वार कर रहा है, जिससे स्थानीय लोग खासे दहशत में हैं।
पहली घटना बुधवार सुबह की है। भागीरथी पुल से गुजर रही कुछ महिलाओं को बंदरों ने घेर लिया। इस दौरान मरोड़ा गांव निवासी 29 वर्षीय रजनी देवी ने खुद को बचाने के लिए नीचे बैठने की कोशिश की, लेकिन तभी पीछे से आए कटखने बंदर ने उनके सिर पर हमला कर दिया। गहरे घाव लगने के बाद उन्हें सीएचसी बागी में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें टांके लगाने पड़े।
दूसरी घटना में मंदिर मोहल्ला निवासी बुजुर्ग हर्षिता देवी पर तब हमला हुआ जब वह मंदिर जा रही थीं। बंदर ने उनके सिर पर काट खाया, जिससे उन्हें भी उपचार के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा।
तीसरी घटना संगम क्षेत्र स्थित प्लेटफॉर्म की है, जहां खेल रहे बच्चों पर बंदरों ने अचानक हमला कर दिया। 12 वर्षीय आयुष बिष्ट के हाथ को बंदर ने बुरी तरह काट डाला। घायल आयुष को उसके पिता मनवर सिंह उपचार के लिए अस्पताल ले गए।
भागीरथी पुल, जो संगम और राम मंदिर जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ता है, वहां आमतौर पर बंदरों का जमावड़ा बना रहता है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते-जाते रहते हैं, जिससे इस मार्ग पर खतरा और भी अधिक हो गया है। नगर में पहले भी बंदरों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
नगर पालिका द्वारा पूर्व में कई बार बंदरों को पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अन्य क्षेत्रों से लाकर बंदरों को नगर के आसपास छोड़ा जाना इस समस्या की मुख्य वजह है। कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि बंदर पकड़ने की यह प्रक्रिया कुछ लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गई है। उनका कहना है कि बंदरों को पकड़ने के बाद चयनित जंगलों में छोड़ने की पुख्ता और पारदर्शी व्यवस्था की जानी चाहिए।
इस पूरे मामले पर वन विभाग ने संज्ञान लिया है। रेंजर एम.एस. रावत के अनुसार, नगर में बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया गया है ताकि आमजन को राहत मिल सके। स्थानीय लोग प्रशासन से ठोस और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और नगरवासी सुरक्षित महसूस कर सकें।