अधिशासी अभियंता को कार्यालय में बंद कर ग्रामीणों ने किया उग्र प्रदर्शन, सरकार और विभाग के खिलाफ नारेबाजी
देवप्रयाग/टिहरी देवप्रयाग नगर के लिए प्रस्तावित नई पंपिंग पेयजल योजना को सजवाण कांडाधार पंपिंग योजना से जोड़े जाने को लेकर शनिवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। ग्रामीणों के बार-बार विरोध के बावजूद नगर की योजना को ग्रामीण योजना पर जोड़ने के निर्णय से क्षेत्र में आक्रोश फैल गया।
आक्रोशित ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने जल निगम देवप्रयाग कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए अधिशासी अभियंता को एक घंटे से अधिक समय तक कार्यालय में बंद रखा। मौके पर तहसीलदार के पहुंचने पर ताला खुलवाया गया। इस दौरान तहसीलदार और जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।ग्रामीणों का आरोप था कि देवप्रयाग नगर के लिए अलग पेयजल योजना स्वीकृत है, फिर उसे ग्रामीण योजना से जोड़कर दोनों क्षेत्रों में पेयजल संकट को और बढ़ाने का कार्य किया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति नियमित नहीं है, ऐसे में नगर की योजना को उसी स्रोत से जोड़ना अनुचित है।
सामाजिक कार्यकर्ता विनोद टोडरिया, जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत और पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जल निगम कार्यालय परिसर में उग्र धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस फैसले को जनविरोधी बताया।
प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब देवप्रयाग नगर के लिए 12 करोड़ रुपये की पेयजल योजना स्वीकृत हुई है, तो नया इंटेकवेल क्यों नहीं बनाया जा रहा है। विनोद टोडरिया ने कहा कि उत्तराखंड में कहीं भी एक ही इंटेकवेल से दो अलग-अलग योजनाएं संचालित नहीं होतीं, यह ग्रामीणों के साथ छल और साजिश है।
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि गर्मियों में पहले से ही क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत रहती है और सर्दियों में नदी का जलस्तर घटने से इंटेकवेल से पानी 50 से 70 मीटर दूर चला जाता है। ऐसे में नगर की नई योजना को उसी इंटेकवेल से जोड़ना जनता को गुमराह करने और उनके जल अधिकारों से वंचित करने की कोशिश है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल निगम ने यह निर्णय वापस नहीं लिया, तो भरपूर पट्टी क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी, जिसके गंभीर परिणाम होंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
प्रदर्शन में जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष केके कोटियाल, सभासद राहुल कोटियाल, संगीता ध्यानी, सुनीता तिवारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सीताराम राणाकोटी, संजय भट्ट, प्रमोद टोडरिया, सतीश राजपुरोहित, रामपुर-श्यामपुर प्रधान रेखा देवी, कोटी प्रधान आभा देवी, ग्राम प्रधान अशोक तिवारी, उमेर सिंह, जगदीश आर्य सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।
