इटली की भाषाएं सीखने को रघुनाथ कीर्ति के शिवम का चयन

देवप्रयाग  केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के छात्र शिवम कुमार का चयन इटली में लैटिन और ग्रीक भाषाओं को सीखने के लिए हुआ है। वहां की अकादमी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के आधार पर शिवम का चयन किया है।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने इटली की अकादमी- अकादेमिया विवारियम नोवुम (एवीएन) के साथ दोनों देशों की भाषा और संस्कृति के आदान-प्रदान और इन्हें बढ़ावा दिए जाने को लेकर आपसी सहयोग समझौता किया था। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 श्रीनिवास वरखेड़ी की पहल पर इसके तहत एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। 01 से 03 अगस्त तक आयोजित इस संगोष्ठी में इटली के प्रोफेसरों ने वहां की भाषा, संस्कृति, परंपराओं, संगीत, पर्यावरण, इत्यादि पर विभिन्न व्याख्यान दिये। संस्कृत विवि के अनेक प्राध्यापकों तथा छात्रों ने इसमें भाग लिया। सेमिनार के बाद प्रतिभागियों की ऑनलाइन परीक्षा और साक्षात्कार हुआ। इनमें शिवम उत्तीर्ण रहे।
शिवम को 26 सितंबर को इटली जाना है। आने-जाने का व्यय केंद्रीय संस्कृत विवि की ओर से किया जाएगा। जबकि नौ महीने तक वहां इटली और लैटिन भाषा सीखने की अवधि का पूरा खर्चा वहां की अकादमी की ओर से वहन किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृत विवि के एक अन्य छात्र का भी इसमें चयन हुआ है। इन विद्यार्थियों नौ महीने तक इटली के इतिहास, रीति-रिवाज, रहन-सहन इत्यादि से भी परिचित कराया जाएगा। पहाड़पुर गांव, जिला-गयाजी, बिहार के रहने वाले शिवम सिंह श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में शास्त्री तृतीय वर्ष के व्याकरण के छात्र हैं। शिवम ने बताया कि पहले ही दिन से मैंने इस प्रतियोगिता में जीत प्राप्त करने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। सभी व्याख्यान अंग्रेजी में हुए, जिन्हें मैंने गंभीरता से सुना और समझा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 श्रीनिवास वरखेड़ी और परिसर निदेशक प्रो0 पीवीबी सुब्रह्मण्यम का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शिवम ने कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रकल्प छात्रों को आगे बढ़ने में बहुत सहायक सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इटली से लौटने के बाद अपनी शास्त्री की अधूरी पढ़ाई को पूरा करूंगा। इस दौरान न केवल वहां की भाषाएं सीखूंगा, बल्कि वहां के लोगों को हिंदी और संस्कृत से भी परिचित कराऊंगा। वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 श्रीनिवास वरखेड़ी और परिसर निदेशक प्रो0 पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने इस उपलब्धि के लिए शिवम को बधाई और आगे की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगे बढ़ने वाले छात्रों को अवसर उपलब्ध करवाने को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और उसके सभी परिसर कटिबद्ध हैं।

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