देवप्रयाग/नई टिहरी। शनिवार को विकास भवन में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न संबंधी राज्य स्तरीय सतर्कता समिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति की अध्यक्ष गीता रावत ने की।
बैठक में कार्यस्थल पर गठित समितियों, दर्ज मामलों, वादों और उनके निस्तारण की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर अध्यक्ष गीता रावत ने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में उत्पीड़नकर्ता का इरादा नहीं, बल्कि उसके व्यवहार का पीड़ित पर पड़ने वाला प्रभाव अधिक महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि कई बार शर्म, जानकारी के अभाव या अन्य कारणों से पीड़ित शिकायत दर्ज नहीं कर पाते, जिससे प्रकरण दब जाते हैं।
अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर समितियों की नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित हों तथा जन-जागरूकता के लिए कार्यशालाएं, गोष्ठियां, पोस्टर-बैनर आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने प्राइवेट सेक्टर से भी संबंधित डाटा एकत्र कर अगली बैठक में प्रस्तुत करने और सभी को उसमें आमंत्रित करने के निर्देश दिए। साथ ही, ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस पर बाल विकास विभाग ने अवगत कराया कि वर्तमान में जिले में ‘सी बॉक्स’ सुविधा उपलब्ध है, हालांकि अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
मुख्य विकास अधिकारी वरुणा अग्रवाल ने जीएम डीआईसी, श्रम अधिकारी और जिला सेवायोजन अधिकारी को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि प्राइवेट सेक्टर में भी समितियां गठित हों और इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इससे पूर्व श्रम अधिकारी आयशा ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से जनपद में गठित समितियों और उनकी कार्यप्रणाली की जानकारी दी।
बैठक में जिलाध्यक्ष भाजपा उदय रावत, जिला विकास अधिकारी मो. असलम, सीओ ओसीन जोशी, एसीएमओ दीपा रूबली, डीएसओ मनोज डोभाल, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई बृजेश गुप्ता, जिला सेवायोजन अधिकारी लक्ष्मी यादव, सहायक निदेशक मत्स्य उपेंद्र प्रताप, जनप्रतिनिधि खेम सिंह चौहान, विजय कठैत सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं प्राइवेट सेक्टर के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
