हिंदी पखवाड़े पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग में विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किया गया

प्रो. दिनेश चमोला ‘शैलेश’ को मिला श्री रघुनाथ कीर्ति हिंदी सेवा सम्मान

देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर की ओर से इस वर्ष का श्री रघुनाथ कीर्ति हिंदी सेवा सम्मान प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. दिनेश चमोला ‘शैलेश’ को प्रदान किया गया। हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस समारोह में परिसर के साहित्यिक वातावरण को जीवंत करने वाले अनेक सत्र हुए।

समारोह के मुख्य अतिथि कवि धर्मेंद्र उनियाल, सह निदेशिका प्रो. चंद्रकला आर. कोंडी, कार्यक्रम संयोजक डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल एवं सह संयोजक पायल पाठक ने संयुक्त रूप से प्रो. चमोला को सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो. चमोला ने कहा कि “जिस माटी में मेरा जन्म हुआ, उसी धरती पर इतना बड़ा सम्मान पाकर मैं गौरवान्वित हूं। साहित्यिक प्रतिभाओं को पहचान देने और आगे बढ़ाने में ऐसे पुरस्कारों की महती भूमिका होती है।”

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि हिंदी की विभिन्न विधाओं में सौ से अधिक पुस्तकों की रचना कर चुके प्रो. चमोला की साहित्य साधना उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है। संयोजक डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने जानकारी दी कि वर्ष 2018 से प्रारंभ हुए इस सम्मान से अब तक डॉ. सुशील कोटनाला, डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल, प्रो. राखी उपाध्याय और महावीर रंवाल्टा को अलंकृत किया जा चुका है।

समारोह की अध्यक्षता प्रो. चंद्रकला आर. कोंडी ने की तथा संचालन डॉ. सोमेश बहुगुणा ने किया। कार्यक्रम में डॉ. भक्तदर्शन पर विशेष व्याख्यान भी आयोजित हुआ। इस अवसर पर डॉ. अरविंद सिंह गौर, डॉ. सुमिति सैनी, डॉ. रश्मिता, डॉ. सुधांशु वर्मा, डॉ. धनेश पीवी, पंकज कोटियाल सहित अनेक प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

 

श्री रघुनाथ कीर्ति हिंदी सेवा सम्मान प्रो. चमोला को

 केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, देवप्रयाग ने किया सम्मानित
देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर की ओर से इस वर्ष का “श्री रघुनाथ कीर्ति हिंदी सेवा सम्मान” प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. दिनेश चमोला ’शैलेश’ को प्रदान किया गया।
हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित समारोह में कवि धर्मेंद्र उनियाल तथा सह-निदेशिका प्रो. चंद्रकला आर. कोंडी ने उन्हें सम्मानित किया।
भावुक प्रो. चमोला ने कहा कि अपनी जन्मभूमि पर मिला यह सम्मान उनके लिए गौरव का विषय है।


महान रचनाकार और राजनीतिज्ञ थे डॉ. भक्तदर्शन

हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम में व्याख्यान
देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान में वरिष्ठ कवि धर्मेंद्र उनियाल ने कहा कि डॉ. भक्तदर्शन साधारण परिवार की असाधारण प्रतिभा थे।
वे ईमानदार राजनीतिज्ञ, संवेदनशील साहित्यकार, प्रखर वक्ता और जागरूक पत्रकार रहे। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर संसद तक उनकी यात्रा प्रेरणास्पद रही।
संयोजक डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने बताया कि इस वर्ष का हिंदी पखवाड़ा डॉ. भक्तदर्शन की स्मृति को समर्पित है।


अध्यापकों और विद्यार्थियों ने किया काव्यपाठ

— श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में युवा कवि सम्मेलन
देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में हिंदी पखवाड़ा के तहत आयोजित युवा कवि सम्मेलन में छात्रों और शिक्षकों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
सम्मेलन में पलायन, प्रकृति, नारी-पुरुष भेदभाव, शृंगार और देशभक्ति जैसे विषयों पर कविताएँ सुनाई गईं।
वरिष्ठ कवि धर्मेंद्र उनियाल और संयोजक डॉ. सोमेश बहुगुणा की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को विशेष रूप से प्रभावित किया।

 

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