देवप्रयाग गिरीश भट्ट (देवप्रयाग टाईम्स)
टिहरी जिले के क्षेत्र तीर्थनगरी देवप्रयाग के ग्राम बागी में अरण्यक जन सेवा संस्था द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त गौशाला का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) टिहरी गढ़वाल सुश्री वरुणा अग्रवाल द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान गौशाला में रह रहे निराश्रित गोवंश की स्थिति, रखरखाव, संसाधनों की उपलब्धता तथा विस्तार की संभावनाओं पर गहन चर्चा की गई।
सीडीओ वरुणा अग्रवाल ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, गौशाला प्रबंधक इंद्रदत्त रतूड़ी एवं खंड विकास अधिकारी देवप्रयाग के साथ मिलकर गायों की संख्या, नर-मादा अनुपात, चारे की उपलब्धता, जल प्रबंधन, साफ-सफाई, क्षमता तथा वर्तमान आधारभूत संरचना की विस्तारपूर्वक जानकारी ली। निरीक्षण के उपरांत उन्होंने गौशाला में बायोगैस संयंत्र तथा कंपोस्ट पिट की स्थापना के लिए खंड विकास अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी टिहरी गढ़वाल, एडीओ देवप्रयाग, पशु चिकित्सा अधिकारी देवप्रयाग, पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, गौ सेवक एवं स्थानीय ग्रामीणजन भी उपस्थित रहे।
प्रबंधक इंद्र दत्त रतूड़ी ने अपनी मांग जानकारी देते हुए बताया कि अरण्यक जन सेवा संस्था द्वारा संचालित यह गौशाला उत्तराखंड शासन एवं पशु कल्याण बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, और विगत वर्षों से देवप्रयाग क्षेत्र के निराश्रित, बीमार और दुर्घटनाग्रस्त गोवंश की सेवा हेतु कार्यरत है। बावजूद इसके, देवप्रयाग क्षेत्र में एनएच हाईवे, नगर की गलियों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लगभग 150 निराश्रित गोवंश खुले में घूम रहे हैं, जो स्वयं भी दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं और राहगीरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं।ऐसे में गौशाला का शीघ्र विस्तार किया जाना न केवल गोवंश कल्याण के लिए, बल्कि देवप्रयाग जैसे धार्मिक पर्यटन स्थल की गरिमा बनाए रखने हेतु भी अत्यंत आवश्यक हो गया है। संस्था द्वारा शासन को प्रस्तावित किया गया है कि गौशाला में निम्न आधारभूत सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था की जाए:गोवंश की संख्या के अनुसार आश्रय शालाओं का विस्तार स्वच्छ जल और चारे की सतत आपूर्ति व्यवस्थाबायोगैस संयंत्र एवं कंपोस्ट पिट की स्थापनागोवंश के लिए चिकित्सा सहायता केंद्र से आवश्यक दवाओं कि पूर्ति श्रमिकों व सेवकों के लिए न्यूनतम सुविधाएँ देने की मांग की गई है।