उच्च शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, देवप्रयाग परिसर का किया दौरा
देवप्रयाग (गिरीश भट्ट)
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने शनिवार शाम केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने परिसर की शैक्षणिक एवं भौतिक व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह गौरवशाली संस्थान प्रदेश को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं शास्त्रीय शिक्षा के क्षेत्र में विशेष लाभ प्रदान करेगा।
निरीक्षण के दौरान डॉ. रावत ने परिसर निदेशक प्रो. पी.वी.बी. सुब्रह्मण्यम से विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि उत्तराखंड सरकार विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कई योजनाओं पर कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही विभिन्न प्रकल्प तैयार किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार “त्रिभाषा फार्मूला” को प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में लागू कर रही है, जिससे संस्कृत को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता और रामचरितमानस के चयनित अंशों को शामिल किया गया है, जिसके लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है।
निरीक्षण के दौरान डॉ. रावत ने परिसर में छात्रावास, विद्युत, जल आदि सुविधाओं की जानकारी भी ली। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जागेश्वर में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर विचार चल रहा है।
इस अवसर पर निदेशक प्रो. सुब्रह्मण्यम ने मंत्री डॉ. रावत को शॉल और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का कैलेंडर भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में डॉ. ब्रह्मानंद मिश्र, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अरविंद सिंह गौर, डॉ. सुमिति सैनी, डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. सुधांशु वर्मा, डॉ. रश्मिता, डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. मनीषा आर्या, जनार्दन सुवेदी, अंकुर वत्स एवं रजत गौतम छेत्री सहित अनेक शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।